Food rules for the months of Poush & Kharmas
18-01-2023
Rules of food and worship in the month of Paush, Kharmas*
Poush month is very important in Sanatan Dharma, Poush month is considered auspicious for religious works like Vrat Puja..
It is very auspicious to do some works at this time, so * some works are also prohibited.
In this month, there is a special virtue of offering sacrifices to the ancestors, that is why it is also called the small Pitru Paksha month, so it is auspicious to do Pinddan, Shradh, Tarpan in this month, by doing Shradh, the souls of the ancestors rest in peace. and the whole family is blessed with happiness and prosperity.
What not to do in the month of Pousha..*
Brinjal, radish, lentils, cauliflower, urad dal should not be consumed in the month of Poush, apart from meat and alcohol..
Consumption of sugar or sweet things should be avoided in the month of Pousha...*Kharmas begins in the month of Poush, so no auspicious work (marriage, housewarming etc.) should be done in Kharmas...
Avoid starting any new work or business in Kharmas.
Salt intake should be minimized in the month of Poush....
In the month of Poush, along with the worship of Lord Vishnu, the Gita and Vishnu Sahastranam should be recited. Red or yellow clothes should be worn in this month, blankets, warm clothes, jaggery, sesame seeds should be donated to the needy. For the peace of the souls of the ancestors, tarpan and pind daan must be done. In the month of Poush, hot things like jaggery, clove, ginger, celery should be consumed.
पौष मास, खरमास मे खानपान व पूजा-पाठ के नियम
सनातन धर्म में पौष मास का बहुत महत्व है, पौष माह को व्रत पूजा जैसे धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है..
इस समय पर कुछ कार्यों को करना बहुत शुभ होता है तो कुछ कार्यों को करने की मनाही भी होती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार इस मास में भगवान सूर्य सहित भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना गया है,
इस महीने में पितरों का तर्पण करने का विशेष पुण्य मिलता है, यही कारण है कि इसे छोटा पितृ पक्ष मास भी कहा जाता है, इसलिए इस मास में पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करना शुभ होता है, श्राद्ध काम करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पूरे कुल को सुख-समृद्धि का आशीष मिलता है..
पौष मास में क्या न करें,..
पौष मास में मांस-मदिरा के अलावा बैंगन, मूली, मसूर की दाल, फूलगोभी, उड़द की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए,..
पौष मास में चीनी या मीठी चीजों के सेवन से बचना चाहिए...
पौष मास में खरमास की शुरुआत होती है इसलिए खरमास में कोई भी शुभ कार्य (शादी, गृहप्रवेश आदि )नहीं करने चाहिए...
खरमास में कोई भी नया काम या व्यापार आरंभ करने असे बचना चाहिए
पौष मास में नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए....
पौष मास में भगवान विष्णु की पूजा के साथ गीता और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. इस माह में लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए, इस माह में जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़, तिल का दान करना चाहिए. पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान अवश्य करना चाहिए. पौष मास में गुड़, लौंग, अदरक, अजवाइन जैसी गर्म चीजों का सेवन करना चाहिए.